tag:blogger.com,1999:blog-19460566094860130852024-03-14T01:44:05.182+05:30DENAP - Opening The Eye to Spiritual EnlightenmentThis blog is created to Denap ( Wake Up ! ) people on subjects of Social Significance.Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.comBlogger206125tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-27160955111885713182013-02-08T19:25:00.000+05:302013-02-08T19:25:14.031+05:30कुम्भ मेला और साधु संत
बारह वर्ष पश्चात प्रयाग का कुम्भ मेला एक बार फिर पुरे जोर शोर पर चल रहा है।मुझे तो प्रयाग छोड़े बहुत दिन हो गया किन्तु आज भी बचपन की यादे बनी है।नित्य टी वी में दिखाया जाता है कुम्भ मेले के बारे में एवं वहाँ आये साधू संतों के बारे में।
&Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-86935477952651363592013-02-05T21:44:00.003+05:302013-02-05T21:44:54.887+05:30भार्तिहारी शतक
नीति शतक
1. बुद्धिमान जन ईर्ष्या से ग्रस्त हैं, अधिकारी जन घमंड में चूर हैं, अन्य लोग अज्ञान से पीड़ित हैं,ऐसी दशा में समझदारी की बातें और ज्ञान Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com10tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-43010389147249094252013-02-01T22:57:00.003+05:302013-02-01T22:58:53.415+05:30माटी की कहानी
एक कुम्हार माटी से चिलम बनाने जा रहा था। उसने चिलम का आकर दिया।थोड़ी देर में उसने चिलम को बिगाड़ दिया।माटी ने पुछा ,अरे कुम्हार तुमने चिलम अच्छी बनाई फिर बिगाड़ क्यों दिया?कुम्हार ने कहा कि अरे माटी पहले मैं चिलम बनाने की सोच रहा था किन्तु मेरी मति बदली और अब मैं सुराही या फिर घड़ा बनाऊंगा।
&Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-62647460092710072472013-02-01T20:28:00.000+05:302013-02-01T20:28:40.455+05:30भगवान बुद्ध के अष्टांगिक मार्ग
1. सम्यक दृष्टि (अन्धविश्वास एवम भ्रम से रहित )
2. सम्यक संकल्प (उच्च तथा बुद्धियुक्त )
3. सम्यक वचन (नम्र, उन्मुक्त, सत्यनिष्ठ )
4. सम्यक कर्मान्त (शांतिपूर्ण ,निष्ठापूर्ण,पवित्र )
5.सम्यक आजीव (किसी भी प्राणी को आघात या हनी न पहुँचाना )
6.सम्यक व्यायाम (आत्म-प्रशिक्षण एवम आत्मनिग्रह हेतु )
7. सम्यक स्मृति (सक्रिय सचेत मन )
8.सम्यक Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-66963982744355259622012-09-03T12:05:00.000+05:302012-09-03T12:05:10.474+05:30जीवन
जीवन एक चुनौती है, सामना करिये .
जीवन एक दुःख है,स्वीकार करिए।
जीवन एक कर्तव्य है, पूरा करिए।
जीवन एक खेल है,आराम से खेलिए।
जीवन एक रहस्य है, इसे स्वयम सुलझाइए।
जीवन एक सुखद यात्रा है,इसे दिल से पूरा करिये।
जीवन एक सुअवसर है,इसका सदुपयोग कीजिये।
जीवन एक प्रतिज्ञा है,इसे निभाइए।
जीवन एक लक्ष्य है,इसे पूर्ण रूप से प्राप्त करिये।
जीवन एक सुगन्धित फूल है, इसकी खुशबु को विश्व में Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-71979186246358973592012-09-03T11:42:00.001+05:302012-09-03T11:47:38.031+05:30सरल और कठिन
उपदेश देना सरल है,अमल करना कठिन है
खर्च करना सरल है,कमाना कठिन है
शत्रु बनाना सरल है, मित्र बनाना कठिन है
विवाह करना सरल है ,निर्वाह करना कठिन है
वचन देना सरल है, पालन करना कठिन है
काम बिगाड़ना सरल है, काम बनाना कठिन है
उधर देना सरल है ,वसूलना कठिन है
Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-60425306092112875062012-09-02T11:06:00.000+05:302012-09-02T11:06:56.370+05:30आप भी जानें
जो बिगड़ी बनाते हैं,उन्हें भगवान कहते हैं
जो मुसीबत में काम आते है,उन्हें इन्सान कहते है
जो रिझाता है भगवन को ,उसे गान कहते
जो दिल में रखता है राम को, उन्हें हनुमान कहते है
जो पीता है जहर को , उन्हें शिव भगवान कहते है
जो निभाता वचन पिता का ,उन्हें श्री राम कहते है
जो दिया उपदेश गीता में ,उन्हें कृष्ण भगवान कहते है
Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-54117864064332843882012-09-02T10:52:00.001+05:302012-09-02T11:09:39.462+05:30Life is valuable
Understand it displine in life
Every body knows that any work done by "Discipline" gives success.
'Knows the power of "DISCIPLINE"
There are 26 alphabets in English Language such as "D" ranks 4th "O" ranks 15th, similarly, if we calculate the sum of the ranks of all the lrtters of word "DISCIPLINE" we will get 100, which means 100% success.
D 4
I 9
S 19
Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-31777489278883236682012-08-22T15:54:00.000+05:302012-08-22T18:24:29.916+05:30परम महिमामयी अंगारक चतुर्थी
'अंगारक चतुर्थी 'कि महात्म्य -कथा गणेशपुराण के उपासना खंड के ६०वे अध्याय में वर्णित है| वाह कथा संक्षेप में इस प्रकार है -"धरती माँ ने महामुनि भरद्वाज के जपा पुष्प -तुल्य अरुण पुत्र का पालन किया| सात वर्ष के बाद उन्होंने उसे महर्षि के पास पहुँचा दिया| महर्षि ने अत्यंत प्रसन्न होकर अपने पुत्र का आलिगन किया और उसका सविधि उपनयन कराकर उसे वेद- शास्त्रादी का अध्ययन कराया| फिर उन्होंने अपने Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-82036999465414912292012-08-18T13:17:00.002+05:302012-08-18T13:17:31.384+05:30श्री शनिदेव का मंदिर,शनिश्चरा ,एती ,मुरैना
जिला मुरैना में शनिचरा पहाड़ी पर स्थित ,श्री शनिदेव मंदिर का देश में बहुत महत्व है /यह देश का सबसे प्राचीन त्रेता युग का शनि मंदिर है /यहाँ स्थापित प्रतिमा भी विशेष एव अद्भुत है / ज्योतिषियों के अनुसार यह मूर्ति आसमान से टूट कर गिरे उल्का पिंड से निर्मित हुयी है /एक एनी कथा के अनुसार हनुमान जी ने अपनी बुद्धि चातुर्य से कम लेते हुए शनिदेव को लंकापति रावण के पैरों केNeelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-44702166300908413352012-08-17T21:04:00.002+05:302012-08-17T21:04:24.023+05:30दैनिक जीवन में गणेश जी का स्थान
भारतीय परम्परा में गणेश पूजन का बहुत महत्तव है /गणेश शब्द का विग्रह है --गण +ईश / गण का अर्थ देवताओं का समूह और ईश का अर्थ उसका स्वामी / अतः गणेश का अर्थ हुआ " देवताओं के समूह का स्वामी "/जो परम पिता परमेश्वर के अतिरिक्त अन्य कोई हो ही नहीं सकता/ अतः गणेश की पूजा से हम प्रभु &Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-6004506980580861082011-08-14T18:25:00.000+05:302012-07-12T11:28:22.779+05:30भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जंग
आज टी.वी मिडिया सब जगह अन्ना हजारे के मुहीम को दिखाया जा रहा है|देख कर आत्म विश्वास जागृत होता है कि अभी देश कि रक्षा के लिए लोग है, किन्तु ये सोच कर कष्ट होता है कि अपने ही आज़ाद देश में आन्दोलन कि ज़रूरत आ पड़ी है,क्या देश आज़ाद है केवल झंडा फहरा कर लड्डू बाँटने के लिए?अगर कोई भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठता है तो सरकार हमारा धन लूट कर इतनी मजबूत हो गयी है कि वो हमें दबा कर गलत आरोप लगा कर Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-20801893039114180712011-04-27T12:21:00.001+05:302011-04-27T12:24:47.117+05:30जीवन चक्रआज मैं बाबा की महासमाधि को टीवी पर देख रही थी और ये सोचने को मजबूर थी की ये जीवन क्या है?बाबा का जीवन मानवता के लिए समर्पित था,एवम मानव उनकेभक्त रूप मेंथे|करोड़ों जनता की भक्ति, राजकीय सम्मान ,क्या मंत्री क्या संत्री सब एक समान बाबा के दरबार में थे|बाबा ने करोड़ों लोगों का उद्धार &Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-6500844808816493842011-04-24T16:33:00.000+05:302015-07-02T15:49:40.673+05:30सत साई बाबा
सत साई बाबा के चरणों को ध्यान करते हुए ये लिखने की कोशिश कर रहीं हूँ की उन्होंने अपना नश्वर शरीर त्यागा है न की हमारा साथ......वो हमारे बीच हमेशा थे ,हमेशा हैं, एवम हमेशा रहेगे |मुझे हमेशा White field bangluru और पुतापरती याद रहेगा जहाँ मैने दर्शन पाया था.....
एक दिव्य शक्ति थी मुख पर एक तेज था.....अभी लोगों को जरूरत थी उनकी ........लगता है की बाबा तुम क्यों छोड़ गए लकिन Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-46764812124879542432011-04-13T21:25:00.000+05:302011-04-13T21:25:30.043+05:30पापाजी के जन्म दिवस के पावन अवसर परआज पापजी का जन्मदिवस है|इस पावन अवसर पर हम सब हार्दिक शुभ कामनाए देते है...
प्रथम दिवस नववर्ष का आपके अवतरित होने से,आगमन हुआ हर्ष का,चंद्रमा की कलाओं से युक्त,चांदनी की शीतलता से प्रयुक्त,आपका स्वभाव,
इसीलिए,लेखनी हमें लिखने को उद्यत करती है, जब हृदय में ये झंकार होती है,नव वर्ष भी प्रकाशमान होता है,आपके पावन जन्मदिवस पर|हम सब Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-31786137842612410772011-01-14T10:29:00.000+05:302011-01-14T10:29:08.109+05:30सही पहचानमैं अक्सर गौरव जी महाराज का भागवत सुनती हूँ और उनके द्वारा बताये गए प्रसंग को अपनाना चाहती हूँ ऐसा ही एक प्रसंग कल भी मैने सुना कि मनुष्य के अंदर सब कुछ है आग हवा पानी मिट्टी, यहाँ तक कि इसको बनाने वाला इश्वर भी|किन्तु हमें आयने के सामने हमारा बाहरी आवरण दिखाई देता है |हम Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-38395061729448035672011-01-14T10:24:00.000+05:302011-01-14T10:24:08.142+05:30दान पुण्यदान देना एक पुण्य का कार्य है किन्तु लोगों में असमंजसता रहती है कि दान हमें कब क्यों एवम कैसे देना चाहिए?दूसरा लोगों में ये भी भावना रहती है कि हम परिश्रम से अपने लिए कमा रहें तो हम क्यों दें?
दान एक ऐसा विषय है इस पर जितना लिखो उतना कम है|दान हमें क्यों करना चाहिए?पहला प्रश्न ये उठता है?दान हमें इसलिए करना चाहिए क्योकि दान करने से मिला हुआ गुप्त आशीर्वादNeelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-86286866079737530072010-12-21T13:19:00.000+05:302010-12-21T13:19:39.601+05:30दिल्ली का अक्षरधाम मंदिरदिल्ली का अक्षरधाम मंदिर अनेक शिल्पकारों को लेकर बहुत ही कलात्मक रूप से बनाया गया है, मंदिर बहुत ही भव्य है|इस भव्यता को चार चाँद लगता है वहाँ की प्रदर्शनी जो की जीवंत लगती है|इस की शुरूआत प्रदर्शनी के पहले भाग से होता है, जहाँ ये समझाने की कोशिश की गयी है कि इमारत को बनाने में तो अनेकों शिल्पकारों कि जरूरत होती है किन्तु स्वयं को बनाने के लिए मात्रNeelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-8575085762056956142010-11-06T12:20:00.000+05:302010-11-06T12:20:09.955+05:30आखिर खुशियाँ कहाँ है??हम सभी खुशियों के तलाश में रहते हैं लेकिन किसी से यदि ये पूछो कि आप तो आनन्द से हो .तो उसका यही जवाब होता है कि नहीं मैं तो जीवन से बहुत परेशान हूँ............अब प्रश्न ये उठता है कि आखिर खुशियाँ कहाँ है??हम आनन्द को कहाँ ढूढें?आनंद कि तलाश में सभी रहतें हैं किन्तु ख़ुशी बहुत कम लोगों को मिलती है ऐसा क्यों होता है? इसका मुश्किल है किन्तु Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-51171900829683207732010-07-30T11:13:00.000+05:302010-07-30T11:13:36.424+05:30राहुल दुलहनिया तो ले गया लेकिन अब???????सुबह कि गरमा गरम खबर डिम्पी महाजन ने घर छोड़ा .............मार पिटाई का किस्सा .........क्या शादी जैसा पवित्र बंधन राहुल महाजन के लिए मजाक के सिवा कुछ भी नहीं ??पहले लड़कियों को बुला कर एक एक के साथ समय बिताना फिर सबको हटाते हुए एक को चुन कर शादी करना ????ये लड़कियां भी क्यों नहीं समझी कि जब श्वेता जैसी सुघड़ लड़की के साथ राहुल ने ऐसा बर्ताव&Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-37024068434667021562010-04-03T12:56:00.000+05:302010-04-03T12:56:17.771+05:30फूल वाली माईकभी कभी जीवन में कुछ घटनाएँ ऐसी होती हैं जो की बारबार सोचने पर मजबूर करतीं है कि क्या निर्धन के पास ज्यादा दिल बड़ा होता है जो कि धनि के पास नहीं हो सकता| आज मैं एल्लोरा में स्तिथ घ्रिश्नेश्वर ज्योतिर्लिंग में गयी थी | हर बार की भांति मैं फूल वाली माई के पास गयी फूल एवम पर्षद इत्यादि लेने | माई आज भावुक होकर मेरा हाथ &Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-16533112477831347402010-03-17T21:00:00.000+05:302010-03-17T21:00:57.384+05:30मायावती की माया
आजकल नया चर्चा का विषय उत्तर प्रदेश है| ग्रामीण इलाका गरीबी की रेखा पर झूल रहा है वहीं रईसी इस कदर है कि करोड़ों की माला गले की हार बन कर रह गयी है |इसे ही कहते है अधजल गगरी छलकत जाये|मुझे कभी कभी लगता है कि मनुष्य केवल स्वयं का ही क्यों सोचता है?खासतौर पर जब वो ऐसे कुर्सी पर विराजमान हो जहां से केवल जनता की ही सेवा करनी हो |वहाँ से अपने लिए ही सोचना ?अब तो ये सोचना पडेगा की Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-87998657726272048472010-03-15T18:51:00.000+05:302010-03-15T18:51:02.876+05:30गुढी पाडवा
गुढी पाडवा अर्थात चैत्र मास की प्रतिपदा महाराष्ट्र में मनाये जाने वाला नववर्ष|नूतन वर्ष का यह पहला दिन|पौराणिक काल से ही यह मान्यता है की इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की|अतः इस दिन सुबह घरघर में ध्वजा फहरायी जाती है|सभी देवी देवता की पूजन की जाती है|गुढी पाडवा के दिन मराठी लोग अपने घरों की साफ सफाई कर घर के सामने शुभकारी गुडी लगाते है|द्वार पर तोरण Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-86979740014716257502010-03-14T20:24:00.000+05:302010-03-14T20:24:18.519+05:30हम इन बाबा को इतना महत्व क्यों देते है?आजकल प्रतिदिन समाचारों में देखने को मिलता है ढोगी संतों के बारे में,जिनके बारे में सुनकर निगाहें शर्म से झुक जाती हैं |लगता है की इनका क्या अस्तित्व है |ये क्या साबित करना चाहते है कि ईश्वर पर से लोगों का विश्वास हट जाये?ये संत जो कि वास्तव में योगी ना होके भोगी हैं जिन्हें पग पग पर ऐएशो आराम कि वस्तुए चाहिए तीमारदारी के लिए सेवक चाहिए क्या ये संत कहलाने लायक हैं ये तो वास्तव में लालचीNeelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-1946056609486013085.post-10624609305164721842010-02-27T12:29:00.001+05:302010-03-10T10:11:07.317+05:30होली के दिन ......
होली का त्योहार आते ही बचपन के दिन आखों के सामने घूम जाता है अब ना तो वो समय रहा ना ही माता पिता रहे ना ही वो घर रहा जहां बचपन बीता, आज होली में उत्साह भी नहीं दिखता जो हमारे बचपन मन होता था शायद इसका कारण है अब हम ज्यादा विकसित हो गएँ है या फिर यूँ कहिये कि अब हम आलसी हो गए है जो त्योहार को मनाने में हिचकिचाते है| अब वो खुशबु घर घर से आनी कम हो गयी हैं अब वो चुहल रंगों&Neelam Pandehttp://www.blogger.com/profile/01378771263463975498noreply@blogger.com0