आज टी.वी मिडिया सब जगह अन्ना हजारे के मुहीम को दिखाया जा रहा है|देख कर आत्म विश्वास जागृत होता है कि अभी देश कि रक्षा के लिए लोग है, किन्तु ये सोच कर कष्ट होता है कि अपने ही आज़ाद देश में आन्दोलन कि ज़रूरत आ पड़ी है,क्या देश आज़ाद है केवल झंडा फहरा कर लड्डू बाँटने के लिए?अगर कोई भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठता है तो सरकार हमारा धन लूट कर इतनी मजबूत हो गयी है कि वो हमें दबा कर गलत आरोप लगा कर चुप होने पर मजबूर करती है क्योकि हम उन्हें अपना प्रतिनिधित्व चुन कर एक ऐसी ताकत दे चुके है जिसका सरकार पूरा फायदा उठती है.........
आज़ाद देश में रह कर भी आज आम इन्सान डर कर जी रहा है| किस बात पर कहाँ उसे दबा दिया जायेगा शायद किसी को पता नहीं होता....आज यही कारण है कि हमारी नयी पीढ़ी विदेशों में जा कर बसने लगी है.....आज अच्छे Doctor, Scientist,Engineer etc.सभी U.S.A., U.K.जैसी जगहों पर जा कर रहना चाहते है|आखिर क्यों?क्योकि हमारे देश में केवल राजनीती रह गयी इसके अतिरिक्त और कुछ भी नहीं....अब देखने कि बात ये है कि हजारे जी का ये अनशन क्या रंग लाता है......क्योकि सत्ता के अधिकारीयों के पास दिल नहीं है...न ही आत्मसम्मान.....नेता पूरी तरह से गिरे हुए है इसी कारण सबके ऊपर ऐसा आरोप लगाते है....क्योकि पुरानी कहावत है कि जो जैसा होता है दुसरे को भी वैसा ही समझता है......
किन्तु अब समय आ गया है जब देश कि जनता जागेगी और भ्रष्टाचार ख़त्म होगा क्योकि पाप का घड़ा भर चुका है.......