- घरों में दो शिव लिंग , तीन गणपति जी की मूर्तियाँ , दो शंख व खंडित मूर्ति की पूजा नहीं करें .
- दो शालिग्राम नहीं पूजें .
- शुभ इक्षा की कामना वाले गृहस्थी के मूर्ति को ही नहीं पूजें ,अनेक मूर्ति से युक्त सभी कामो को प्राप्त होतें हैं .
- विष्णु को अक्षत से ,गणेश को तुलसी से ,देवी को दूर्वा से ,सूर्य को विल्वपत्र से पूजा नहीं करें.
- शिव का अभिषेक गो श्रृंग से ,विष्णु का शंख से ,गणपति का ताम्र पात्र से ,जगदम्बिका का स्वर्ण पात्र से अभिषेक करें
- विष्णु की पूजा धतूरे के फूल से न करें .कृमि युक्त फल सड़े फल भगवान को न चढाये .
- आक के पुष्पों व डंठल सहित बिल्वपत्र ,खंडित चावल शिव पूजा में वर्जित हैं.
- चंडी की ए़क ,सूर्य की सात, गणपति की तीन, विष्णु की चार, शिव की आधी परिक्रमा करनी चाहिए.
- स्नान किये बिना जो तुलसी पत्र तोड़ कर उससे विष्णु की पूजा करता हैं ,वह निष्फल होती हैं, तथा वह अपराधी होता हैं.
शनिवार, 31 अक्तूबर 2009
ध्यान देने योग्य बिंदु
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