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रविवार, 24 अप्रैल 2011

सत साई बाबा

सत साई बाबा के चरणों को ध्यान करते हुए ये लिखने की कोशिश कर रहीं हूँ की उन्होंने अपना नश्वर शरीर त्यागा है न की हमारा साथ......वो हमारे बीच हमेशा थे ,हमेशा हैं, एवम हमेशा रहेगे |मुझे हमेशा White field bangluru और पुतापरती याद रहेगा जहाँ मैने दर्शन पाया था.....
एक दिव्य शक्ति थी मुख पर एक तेज था.....अभी लोगों को जरूरत थी उनकी ........लगता है की बाबा तुम क्यों छोड़ गए लकिन आत्मा यही कहती है की बाबा कहीं नहीं छोड़े हैं बाबा हमारे आत्मा में हैं हमारे साथ हैं ......हमें मन की आखोँसे देखना है .....बाबा कहते हैं की गरीबो की सेवा करो हम ये कोशिश करेगे की मुझसे जितना बन पड़े मैं उतना कर सकूँ मैं बाबा का यही ध्यान करुगी की बाबा मुझे इतनी शक्ति दो की मै आपके बताये मार्ग पर चल सकूँ ..............
आज आत्मा दुखी है किन्तु यही समझाने की कोशिश में हूँ की बाबा क़दमों में ही हमारी भलाई है .....बाबा की कही हर  बातो  का अनुसरण करना ही सच्ची याद  है..................

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