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बुधवार, 27 अप्रैल 2011

जीवन चक्र

आज मैं  बाबा की महासमाधि को टीवी पर देख रही थी और ये सोचने को मजबूर थी की ये जीवन क्या है?बाबा का जीवन मानवता के लिए समर्पित था,एवम मानव उनकेभक्त  रूप  मेंथे|करोड़ों जनता की भक्ति, राजकीय सम्मान ,क्या मंत्री क्या संत्री सब एक समान बाबा के दरबार में थे|बाबा ने करोड़ों लोगों का उद्धार  किया,जो की एक साधारण व्यक्ति नहीं कर सकता क्योकि मनुष्य स्वार्थी होता है|लेकिन एक ही चीज़ मन में खटकती है की हम मुट्ठी बांध अपनी किस्मत साथ लेकर आते हैं जाते समय हाथ खुला होता है की हम कुछ साथ लेकर नहीं जा रहें हैं |तो हम इस जीवन में हाय हत्या क्यों करते हैं?
अभी बाबा की सम्पति को लेकर वादविवाद क्यों हो रहा है......उसे जैसा चल रहा था वैसा क्यों नहीं चलने देते?अंत के बाद नाम, धन दौलत .प्रसिद्धि सब इसी धरती पर ही रह जाती है|अच्छे कर्म करने से लोग जन्मजन्म  तक याद रखते हैं पूजते है,नेताओं की तरह कर्म करने पर कहीं चौराहे पर मूर्ति बना कर खड़ा कर दिया जाता है की मूर्ति बनने के बाद भी धुप गर्मी सहते रहो......  सत साई बाबा,शिर्डी साई बाबा,मदर टेरेसा जैसे कर्म करने पर ही इश्वर की उपाधि मिलती है और सही मायने में ये ही ईश्वर और इनका हाथ हमारे सर पर हमेशा होना चाहिए......ॐ साई राम.........

रविवार, 24 अप्रैल 2011

सत साई बाबा

सत साई बाबा के चरणों को ध्यान करते हुए ये लिखने की कोशिश कर रहीं हूँ की उन्होंने अपना नश्वर शरीर त्यागा है न की हमारा साथ......वो हमारे बीच हमेशा थे ,हमेशा हैं, एवम हमेशा रहेगे |मुझे हमेशा White field bangluru और पुतापरती याद रहेगा जहाँ मैने दर्शन पाया था.....
एक दिव्य शक्ति थी मुख पर एक तेज था.....अभी लोगों को जरूरत थी उनकी ........लगता है की बाबा तुम क्यों छोड़ गए लकिन आत्मा यही कहती है की बाबा कहीं नहीं छोड़े हैं बाबा हमारे आत्मा में हैं हमारे साथ हैं ......हमें मन की आखोँसे देखना है .....बाबा कहते हैं की गरीबो की सेवा करो हम ये कोशिश करेगे की मुझसे जितना बन पड़े मैं उतना कर सकूँ मैं बाबा का यही ध्यान करुगी की बाबा मुझे इतनी शक्ति दो की मै आपके बताये मार्ग पर चल सकूँ ..............
आज आत्मा दुखी है किन्तु यही समझाने की कोशिश में हूँ की बाबा क़दमों में ही हमारी भलाई है .....बाबा की कही हर  बातो  का अनुसरण करना ही सच्ची याद  है..................

बुधवार, 13 अप्रैल 2011

पापाजी के जन्म दिवस के पावन अवसर पर

आज पापजी का  जन्मदिवस है|इस पावन अवसर पर हम सब हार्दिक शुभ कामनाए देते है...

प्रथम दिवस नववर्ष का  
आपके अवतरित होने से,
आगमन हुआ हर्ष का,
चंद्रमा की कलाओं से युक्त,
चांदनी की शीतलता से प्रयुक्त,
आपका स्वभाव,
 इसीलिए,
लेखनी हमें लिखने को उद्यत करती  है,
जब हृदय में ये झंकार होती है,
नव वर्ष भी प्रकाशमान होता है,
आपके पावन जन्मदिवस पर|
हम सब गौरवान्वित है,
आप जैसे मार्गदर्शक पिता मिलने से,
अभिनंदन करते हैं हम सब मिल कर ,
सुमन वर्षा करते हैं आपके चरण कमलों पर,
आपके वरदहस्त सदैव रहें हम सबके शीश पर,
क्योकि हम सब जीते हैं आपके आशीष पर,
आज हम सब हार्दिक अभिनन्दन करते हैं
आपके पावन जन्मदिवस पर............
आपके जन्म दिवस पर कोटि कोटि अभिनंदन|इस दिन का आगमन हो वर्ष वर्षांतर यही हम सब की अभिलाषा है|