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रविवार, 14 मार्च 2010

हम इन बाबा को इतना महत्व क्यों देते है?

आजकल प्रतिदिन समाचारों में देखने को मिलता है ढोगी संतों के बारे में,जिनके बारे में  सुनकर निगाहें शर्म से झुक जाती हैं |लगता है की इनका क्या अस्तित्व है |ये क्या साबित करना चाहते है कि ईश्वर पर से लोगों का विश्वास हट जाये?ये संत जो कि वास्तव में योगी ना होके भोगी हैं जिन्हें पग पग पर ऐएशो आराम कि वस्तुए चाहिए तीमारदारी के लिए सेवक चाहिए क्या ये संत कहलाने लायक हैं ये तो वास्तव में लालची दरिन्दे हैं जिन्हें संत कि परिभाषा ही नहीं मालूम है|
संत वो होते है जिन्हें सांसारिक माया का मोह नहीं होता ,उन्हें अपनी काया का ध्यान नहीं होता उनका जीवन वैरागी होता है, वो नदी किनारे कुटिया में निवास करते है, जहाँ वो अपने ईश्वर में रमते हुए जीवन यापन करते हैं |किन्तु ये आधुनिक युग के योगी जो अपने स्वार्थ के लिए ही संत का रूप अपनाया है, इनके पीछे हमारी जनता आखिर क्यों भागती है?माता पिता का तिरस्कार कर इन ढोगी साधुओं की सेवा में लग्न कहाँ तक उचित है?आखिर  इनको बढ़ावा देने में कहीं जनता का हाथ है जो की इच्छाधारी,नित्यानंद ,आसाराम ,जैसे हजारों बाबा के चरणों को धो कर पी रहे है अचानक इतने भगवान कहाँ से धरती पर टपक गए है की व्यक्ति अपने कम काज को छोड़ इन संतों के पीछे लग गया है? 
किन्तु  अब भोली भाली जनता को समझना  पड़ेगा अपनी आखें खोलनी चाहिए की  सारे ईश्वर, देवी, देवता, अपने ही घर में हैं ,किसी निर्धन की सेवा करने से ज्यादा पुण्य प्राप्त होगा ना की इन ढोगी संतों का साथ देने से|शायद जिस दिन जनता ये समझ जाएगी  उस दिन से बाबा की सख्या में थोडा कमी हो जाएगी |क्योकि असली संत वही है जिसे स्त्रियों को छुना वर्जित हो ,और वो संसार की मोह माया .गाड़ी फोन,कम्प्यूटर दिखावे की चीज़ों से परे हो| किन्तु  आज  के समय में ये बहुत मुश्किल है......इसलिए  घर के ही देव का महत्व देना चाहिए ना की संतो का .........................

3 टिप्‍पणियां:

  1. जैसे लोगों का काम-धंधा होता है, घर-परिवार होता है (दक्षिण भारत में चिन्नाविडू होता है); ठीक वैसे ही उनका एक बाबा भी होता है. बस्स.

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  2. हा हा हा काजल भाई ने बता ही दिया है कि सबका अपना अपना एक बाबा होता है ...अपने तो संजू बाबा थे /..,मुंए वो भी धर लिए गए ...अब एक अदद बाबा की तलाश है ..देखना है कि पहले पुलिस को मिलते हैं कि हमें ...
    मुद्दा बहुत सही उठाया है आपने

    अजय कुमार झा

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  3. मुद्दा बहुत सही उठाया है आपने.....

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