1. सम्यक दृष्टि (अन्धविश्वास एवम भ्रम से रहित )
2. सम्यक संकल्प (उच्च तथा बुद्धियुक्त )
3. सम्यक वचन (नम्र, उन्मुक्त, सत्यनिष्ठ )
4. सम्यक कर्मान्त (शांतिपूर्ण ,निष्ठापूर्ण,पवित्र )
5.सम्यक आजीव (किसी भी प्राणी को आघात या हनी न पहुँचाना )
6.सम्यक व्यायाम (आत्म-प्रशिक्षण एवम आत्मनिग्रह हेतु )
7. सम्यक स्मृति (सक्रिय सचेत मन )
8.सम्यक समाधि (जीवन की यथार्थता पर गहन ध्यान )
बुद्ध की आज्ञाएँ
1.हत्या न कर
2.चोरी न कर
3.व्यभिचार न कर
4.झूठ मत बोल
5.निंदा न कर
6.कर्कश न बोल
7.व्यर्थ बात मत कर
8.दूसरों की सम्पत्ति का लोभ न कर
9.घृणा न दिखा
10.सम्यक रूप से विचार कर
पुण्य कर्म
1.सत्य पात्र को दान कर
2.नैतिकता के नियमों का पालन करें
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3.शुभ विचारों का अभ्यास और विकास करें
4.दूसरों की सेवा और देखभाल करें
5.मत पिता और बड़ों का सम्मान करें और उनकी सेवा करें
6.अपने पुन्य का दूसरों को दें
7.दूसरों के द्वारा दिए गये पुण्य को स्वीकार करें
8.सम्यकता के सिद्धांत का श्रवण करें
9.सम्यकता के सिद्धांत का प्रचार करें
10.अपनी त्रुटियों का सुधार करें