हिन्दू पंचांग में माघ मास का बहुत महत्त्व है|यह मास मोक्षदाई माना जाता है| इस मास में लोग प्रतिदिन नदी में स्नान करतें हैं| कशी, प्रयाग, हरिद्वार, नासिक इत्यादि स्थान इसके लिए बहुत प्रसिद्ध हैं|किन्तु सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है प्रयाग में जहाँ एक महीने का कल्पवास होता हैं|पौष पूर्णिमा से माघ की पूर्णिमा तक का यह अल्पवास एक मास का होता है| इस समय फूस की कुटिया बना कर संगम के तट पर रहते हैं,एक वक्त सात्त्विक भोजन, एक वक्त फलाहार कर के रहते है|प्रातः काल जल्दी उठाना, संगम में स्नान करना, पूजा करना, फिर भोजन करके महात्माओं के प्रवचन सुनना,सायंकाल गंगाजी की आरती करना,ये इनकी दिनचर्या होती है|सायकल के दीप जलाने में नित्य एक दीपक बढ़ता है, जो की आखिरी दिन तीस दीपक एक साथ प्रति व्यक्ति जलाता है,जोकि सायंकाल बहुत ही सुंदर प्रतीत होता है|
गुरुवार, 31 दिसंबर 2009
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