मंगलवार, 19 जनवरी 2010
ज्योतिष के लिए नकारात्मक विचार
ज्योतिष शास्त्र को लेकर प्रायः वैज्ञानिको के दिलो दिमाग पर नकारात्मक विचार आते है,उसका सिर्फ एक ही कारण है कि आज के युग में व्यक्ति बिना ज्योतिष शास्त्र की पूर्ण शिक्षा लिए अपनी जीविका चला रहा है, उन्हें न्यूनतम ज्ञान होता है और वो उसी के आधार पर तरह तरह की पूजा एवम रत्न स्वयं बना कर देते है
यही उनके जीविका का साधन होता है
किन्तु उनका आधा अधुरा ज्ञान ही कभी कभी लोगों का संकट बनता है एवम यही ज्योतिष की अरुचि एवम अविश्वास का जन्म देता है|
किन्तु हमें ऐसा नहीं सोचना चाहिए क्योकि कभी हमें कोई डाक्टर खराब मिल जाता है तो हम ये नहीं सोच लेते कि सारे चिकित्सक ही अविश्वासी हैं|
यदि अपने को संत पुरुष कहने वाला महापुरुष धोखेबाज़ निकले तो क्या हम सभी संतो को धोखेबाज़ समझें तो ये नाइंसाफ़ी होगी
ठीक इसी प्रकार यदि कोई ज्योतिष शास्त्र पर अविश्वास करता है यह शास्त्र का अपमान होता है|
इस पर हमारे ऋषि मुनि लोगों ने शोध किया तब इस शास्त्र के द्वारा भविष्यवानियाँ हुयी|
आज भी सही गणना के द्वारा जो भी ज्योतिषाचार्य ग्रहों के खेल को बताते है वो सत्य होता है|
ज़ल्दबाज़ी में किया हुआ कोई भी कार्य पूरा नहीं होता|
इसलिए मै यही कहना चाहुगी कि किसी भी विद्या का अपमान नहीं करना चाहिए सभी विद्या चाहे वो विज्ञानं, गणित जैसे विषय हो या फिर ज्योतिष शास्त्र जैसे पुराने विषय हो क्योंकि देवी सरस्वती का निवास तो सब में होता है
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