Hmarivani

www.hamarivani.com

Hmarivani

www.hamarivani.com

शनिवार, 2 जनवरी 2010

संकष्ट चतुर्थी व्रत


माघ कृष्ण पक्ष कि चतुर्थी को 'संकष्टव्रत' कहा गया है| उस दिन प्रातःकाल स्नान के अनन्तर देवदेव गजमुख की प्रसन्नता के लिए व्रत उपवास का संकल्प कर के दिनभर सीमित रहकर श्री गणेश का स्मरण,चिंतन, एवम भजन करते रहना चाहिए|चंद्रोदय होने पर मिटटी के गणेश मूर्ति बना कर याफिर सुपारी के गणपति रखकर पूजा करनी चाहिए|गणेशजी के साथ उनके आयुध और वहन भी होने चाहिए| सर्वप्रथम उक्त मूर्ति की स्थापना करें; तदन्तर षोडशोपचार से उनका भक्तिपूर्वक पूजन करना चाहिए| फिर मोदक,तथा गुड में बने हुए तिल के लड्डू का भोग अर्पित करें| आचमन कराकर प्रदक्षिणा और नमस्कार करके पुष्पान्ज्जली अर्पित करनी चाहिए|
तदनन्तर शांतचित्त से भक्तिपूर्वक गणेश मन्त्र का २१ बार जप करें, और फिर भगवान गणेश को अर्घ्य दें|तत्पश्चात चंद्रमा गंध पुष्पादि से विधिवत पूजन करके तांबे के पत्र में लाल चंदन, कुश, दूर्वा, फुल, अक्षत ,शमीपत्र, दधि, और जल एकत्र करके अर्घ्य दें| फिर ईश्वर को प्रणाम करें| 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें