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शुक्रवार, 22 जनवरी 2010

आज की मिडिया, ज्योतिष, एवम तर्कशास्त्री

आज की मिडिया ऐसी हो गयी है कि यदि कभी वक्त न कट रहा हो तो किसी भी NEWS CHANNEL के सामने बैठ जाओ कुछ न कुछ चटपटी खबर मिल ही जाएगी बशर्ते देश में कोई हलचल न हो|आजकल ज्योतिष एवम तर्कशास्त्रियों के बीच मिडिया का एक अहं भूमिका हो गयी है आपस में हलचल  करवाने का|जबकि हकीकत यह है कि विज्ञान भी सच है,एवम ज्योतिष भी|रही बात सड़क छाप ज्योतिष कि तो झोला छाप डाक्टर , सडक छाप ज्योतिष दोनों पर विश्वास नहीं किया जा सकता|नीम हकीम खतरे जान....|लेकिन जब ज्योतिष के बारे में कोई गलत तरीके से बोलता  है तो आत्मा  रोती है कि आज हम अपने ज्योतिषाचार्यों का शायद अपमान कर रहे है|
किन्तु प्रोफेसर यशपाल जी जैसे विद्वान का तर्क जब हम सुनते है तो ये लगता है कि तर्क हो तो ऐसे ही विद्वान के साथ हो जो सम्मान देते है प्रत्येक विषय को |वो अपनी बात को ऊपर करते है किन्तु  ज्योतिष ज्ञान को भी सम्मान देते है|वो इन्सान और ज्ञान को ठेस नहीं पहुचने देते |इसी प्रकार ज्योतिष का ज्ञान जानने के लिए पुराने इसी विद्या में मंजे  हुए ज्योतिष कि तलाश करनी चाहिए|क्योकि किसी भी प्रकार का ज्ञान कभी भी 100% नहीं होता क्योकि प्रत्येक विषय का शोध लगातार होता रहता है|
कहने का तात्पर्य यह है कि शब्दों का खेल है हम यदि मीठा बोलेँ तो बुरी बात भी शायद आत्मा को ठेस नहीं पहुचायेगी|

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